पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के उदाहरण|Gender in Hindi

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हमने पीसले पोस्ट में हिन्दी व्याकरण संज्ञा के बारेमे जानकारी हासिल की।  अब आगे बढ़ते हुवे इस पोस्ट के माध्यम से लिंग के बारे में जानेगे।


लिंग (Gender ):-

  लिंग का शाब्दिक अर्थ है - चिन्ह 

परिभाषा :-  शब्द के जिस रूप से यह जाना जाये की वर्णित वस्तु या व्यक्ति पुरुष जाती का है या स्री जाती का, उसे लिंग कहते है।  लिंग के द्वारा संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों की जाती का बोध होता है। 


*हिन्दी में दो लिंग है :-(१ ) स्रीलिंग और (२) पुलिंग 


हिन्दी में लिंग निर्धारण : इसके लिए निम्न आधार ग्रहण किए जाते है-

       (१) रूप के आधार पर 

      (२) प्रयोग के आधार पर 

      (३) अर्थ के आधार पर 


1. रूप के आधार पर:-                     

   रूप के आधार पर लिंग निर्णय का तातपर्य है, शब्द की व्याकरणिक बनावट।  शब्द की रचना में किन प्रत्ययों का प्रयोग हुवा है तथा शब्दान्त में कोण सा स्वर है - इसे आधार बनाकर शब्द के लिंग का निर्धारण किया जाता है। इस बात को हम उदाहरण के साथ समँझेगे :-


(१) पुलिंग शब्द :-

1   अकारान्त , आकारांत  शब्द प्रायः पुलिंग होते है।  जैसे - राम, सूर्य, क्रोध, समुद्र, चित्ता, घोडा, कपड़ा, घड़ा, गधा आदि।

2 ,  वे भाववाचक संज्ञाए जिनके अंत में 'त्व', ', ' होता है, वे प्रायः पुलिंग होते है।  जैसे - गुरुत्व, गौरव, शौर्य आदि। 

जिन शब्दों के अंत में 'पा', पन', आव', आवा', खाना जुड़े होते है, वे भी प्रायः पुलिंग पुलिंग होते हैं।  जैसे - बुढ़ापा, मोटापा, बचपन, घुमाव, बुलावा, पागलखाना। 



(२) स्रीलिंग शब्द:-

1. आकारांत शब्द स्रीलिंग होते है।  जैसे - लता, रमा, ममता। 


2. इकारांत शब्द भी प्रायः स्रीलिंग होते है- रीती, तिथि, हानि (किन्तु इसके अपवाद भी हे। जैसे - कवी, कपि, रवि पुलिंग है )


3. ईकारांत शब्द भी प्रायः स्रीलिंग होते है। जैसे - नदी, रोटी, टोपी।    (किन्तु इसके अपवाद बी हैं।  जैसे - हाथी, दही, पानी पुलिंग है)


4. आई, इया, आवट, आहट, टा, इमा प्रत्यय वाले शब्द भी स्रीलिंग होते हैं।  जैसे - लिखाई, डिबिया, मिलावट, घबराहट, सुंदरता, महिमा। 


    स्रीलिंग प्रत्यय:  पुलिंग शब्द को स्रीलिंग बनाने के लिए कुछ प्रत्ययों को शब्द में जोड़ा जाता हैं जिन्हे स्री प्रत्यय कहते है। 

१. ई- बड़ा-बड़ी, छोटा-छोटी, भला-भली 

२. ईनी - योगी-योगिनी, कमल-कमलिनी 

३. इन - धोबी-धोबिन, तेली-तेलिन 

४. नी  - मोर-मोरनी, चोर-चोरनी 

५. आनी - जेठ-जेठानी, देवर-देवरानी 

६. आइन - ठाकुर-ठकुराइन, पंडित-पंडिताइन 

७. इया - बेटा- बेटिया, लोटा-लुटिया 



2.  प्रयोग के आधार पर :-

 प्रयोग  आधार पर लिंग निर्णय के लिए संज्ञा शब्द के साथ प्रयुक्त विशेषण, कारक चिन्ह एवं क्रिया को आधार बनाया सकता है।  जैसे -

१. अच्छा लड़का, अच्छी लड़की। ( लड़का पुलिंग, लड़की स्रीलिंग )

२. राम की पुस्तक, राम का चाक़ू। (पुस्तक स्रीलिंग है, चाकू पुलिंग है।)

३. राहुल ने रोटी खाई।(रोटी स्रीलिंग , क्रिया स्रीलिंग),

 राहुल ने आम खाया। (आम पुलिंग, क्रिया पुलिंग)



3. अर्थ के आधार पर:- 

कुछ शब्द अर्थ की द्रष्टि से सामान होते हुए भी लिंग की द्रष्टि से भिन्न होते है। उनका उचित एवं सम्यक प्रयोग करना चाहिए। जैसे -

  

                                 पुलिंग 

                           स्रीलिंग 

                              कवि  

                         कव्यत्री 

                              विद्वान 

                         विदुषी 

                               नेता 

                         नेत्री 

                              महान 

                         महती 

                              साधु 

                         साध्वी 

                             लेखक 

                         लेखिका 

     

 

 

 

 उपर्युक्त शब्दों का सही प्रयोग करने पर ही शुद्ध वाक्य बनता है।  जैसे -

            1. आपकी महान कृपा होगी - अशुद्ध वाक्य 

                आपकी महती कृपा होगी - शुद्ध वाक्य 

            2. वह एक विद्वान लेखिका  है- अशुद्ध वाक्य

                वह एक विदुषी लेखिका है- शुद्ध वाक्य 

   वाक्य रचना में लिंग सबंधी अनेक अशुद्धियाँ होती है।  सजग एवं सचेत रहकर ही इन अशुद्धियों का निराकरण हो सकता है। 

 

 

  आगे हम इसी तरह से हिन्दी व्याकरण की जान कारी और प्राप्त करेंगे। 

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