Best Hindi Friendship shayri/ हिन्दी दोस्ती शायरी
तेरी मेरी दोस्ती इतनी
ख़ास हो,
की दुनिया कहे,
काश ऐसा दोस्त मेरे पास
हो.
दोस्ती तो वो है,
जो तेज बारिश में भी,
चेहरे पर गिरे आँसू
पहचान लेती है.
एक नज्म उन यारों के
लिए,
जिनसे हमने यारी की,
जीवन का हर ज्ञान मिला
और
आगे जीने की तैयारी की.
हम दोस्त बनाकर किसी को
रुलाते नहीं,
दिल में बसाकर किसी को
भुलाते नहीं,
हम तो दोस्त के लिए जान
भी दे सकते है,
पर लोंग सोचते है की हम
दोस्ती निभाते नहीं...
जब मोहब्बत हाथ छोड़
देती है,
तब दोस्त ही कदम से कदम
मिलाकर चलते है..
बेवजह है तभी तो दोस्ती
है,
वजह होती तो साजिश
होती..
साया भी साथ छोड़ देता
है,
मगर एक सच्चा दोस्त
हंमेशा साथ देता है...
प्यार में भले ही जूनून
है,
मगर दोस्ती में सुकून
है..
दोस्ती करना हमे भी
सिखा दो,
जरा उस दिल के कोने में
हमको भी बैठा दो
जरा हम तुम्हारे दिल
में की नहीं
जुबान से न सही SMS से तो बता
दो...
वो अच्छा है तो अच्छा है,
वो बुरा है तो भी अच्छा है,
दोस्ती के मिज़ाज में,
यारों के एब नहीं देखे जाते...
हमारी दोस्ती का तो
बस एक ही उसूल है,
जो तू कबूल है तो
तेरा सब कुछ कबूल है...
भरोसा रखो हमारी दोस्ती पर,
हम किसी का दिल दुखाया नहीं करते,
आप और आपका अंदाज हमें अच्छा लगा,
वरना हम किसी को दोस्त बनाया नहीं करते...
हमारी दोस्ती की यारी सब से प्यारी,
जिसे देख जलती है दुनिया सारी.....
लकीर तो हमारी भी बहुत ख़ास है,
तभी तो तुम्हारे जैसे दोस्त हमारे पास है...
अगर दोस्त ना मिलते तो कभी यकीन नहीं होता की
अजनबी लोंग भी अपनों से ज्यादा प्यारे हो सकते है..
वक्त चलता रहा..
जिंदगी सिमटती गई..
दोस्त बढ़ते गए और
दोस्ती घटती गई.....
जगह ही नहीं अब दिल में दुश्मनों के लिए,
कब्ज़ा दोस्ती का कुछ ज्यादा ही हो गया...
दुश्मन के सितम का खोफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते है...
मैंने तो सिर्फ थोडा सा वक्त माँगा था,
उन्होंने तो पूरी जिंदगी दे दी....
फर्क तो अपनी अपनी सोच में है,
वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती....
दोस्ती के लिए दिल तोड़ सकते है,
पर दिल के लिए दोस्ती नहीं....
जब भी सुकून की बात आती है यार,
कुछ दोस्तों की बहुत याद आती है....
खूबियाँ ही खूबियाँ है इस दोस्ती में,
मगर फिरभी लोंग
मोहब्बत कर बैठते है, दोस्ती नहीं...
नाम की दोस्ती काम की यारी,
दुसरो की तरह आदत नहीं है हमारी...
मुझको बड़ा अभिमान था मेरे उस जिगरी
यार पर,
धोखा दिया उसने विश्वास था जिस गद्दार पर....
चाय जैसी जिंदगी में दिनभर उबाल है,
अदरक जैसे दोस्त है उन्ही से स्वाद है...!
दोस्त बनकर जो धोखा दे,
उससे बड़ा कोई दुश्मन नहीं हो सकता....
भले ही अपने जिगरी कम है, पर
जितने भी है परमाणु बम है....
मुस्कुराते चेहरे पर भी तू गम पहचान गया,
ऐ दोस्त तू मुझे इतना कैसे जान गया...
एक चाहत होती है,
दोस्तों के साथ जीने की जनाब..
वरना पता तो हंमे भी है की मरना अकेले ही है....
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