जब कोई किसी का साथ छोड़ता है,
तो सिर्फ आँखे नहीं दिल भी रोता है..
अगर बिछड़ने से मुस्कुराहट लोट आये तुम्हारी,
तो तुम्हें हक है की मुझसे दूरियाँ बना लो...
एहसास मिटा, तलाश मिटी
मिट गई उम्मीदे भी
सब मिट गया,
पर जो न मिटा वो है यादें तेरी
बारिश के बाद तार पर टंगी
आखरी बूंद से पूछो,
क्या होता है अकेलापन..
उन्होंने तो हमे चाहकर भी छोड़ दिया,
लेकिन हम तो उन्हें छोडकर आज भी चाहते है..
पहले वो हजार वादे करते थे मुझे पाने के लिए
और आज सिर्फ एक बहाना ढूंढते है,
मुझसे दूर जाने के लिए...
जख्म खाने की कोई उम्र नहीं होती,
हर उम्र के अपने जख्म होते है...
अगर पता होता की इतना तडपाती है मोहब्बत,
तो दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते...
Two Line Hindi breakup shayri|दो लाईन हिंदी ब्रेकअप शायरी
पता तो मुझे भी था की लोंग बदल जाते है,
पर मेने तुम्हें उन लोगों में कभी गिना ही नहीं
था....
गलती से भी कभी ये भूल मत करना,
बहुत जल्दी किसी को कबूल मत करना...
वो मेरी कभी थी ही नहीं,
और में बेवजह उसे खोने से डरता रहा....
वास्ता हमसे पहले से ही वो कम रखते है,
वो हम ही है जो मोहब्बत का भ्रम रखते है...
रोया नहीं रुलाया गया हूँ,
पसंद बन कर ठुकराया गया हूँ...
छोड़ना आसान होता है,
लेकिन भूलना आसान नहीं...
मिले तो हजारो लोंग थे जिंदगी में,
पर वो सबसे अलग थी,
जो किस्मत में नहीं थी..
कितनी झूठी होती है,
ये मोहब्बत की कसमें,
देखोना तुम भी जिंदा हो
और में भी जिंदा हूँ...
गलती भले किसी की भी रही हो यार,
रिश्ता तो हमारा ही था ना जो टूट गया...
कुछ और पता नहीं है मुझे,
पर जिसके लिए मैं रोया हूँ
वो तू पहली लड़की है..
जो रिश्ते मतलब की कसोटी पर बनते है,
वो रिश्ते वक्त बदलने पर टूट जाते है..
लाख वजह दीये मेने साथ रहने के,
मेरी एक गलती को
वजह बता क्र वो चल दीये...
न होता प्यार तो अच्छा होता
खुद तो टुटा ही
मुझे भी तोड़ दिया...
जिंदगी में सबसे जोरदार
थप्पड़ भरोसा मारता है...
इधर में घरवालो को मना रहा था और
उधर वो घरवालों की मान चुकी थी...
पा कर तुमको खो दिया
हर कदम पे खोते आए है,
ना जाने कैसी तक़दीर है,
हर कदम पे रोते आए है...
जो दिल में आये वो करो,
बीस किसी से अधूरा प्यार मत करो...
किसी को अपने जान से ज्यादा
चाहने का इनाम,
दर्द और आंसू के अलावा कुछ
नहीं मिलता...
वो टूट चूका था मोहब्बत में पूरी तरह,
मगर उसको मोहब्बत से कोई
शिकायत नहीं थी...
शुक्रिया..
कुछ दिनों की खुशियाँ
देने के लिए....
उसे अभी पाया भी नहीं था ठीक से
की भुलाने के दिन आ गए...
मुस्कुराके वो मेरा दिल तोड़ गई,
दर्द से मेरा नाता जोड़ गई...
वैसे तो मेरे चले जाने का कोई इरादा न था,
मगर रुकते भी कैसे,
जब कोई हमारा न था....
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