जहीर उद्दीन मोहम्मद-बाबर (1526 से 1530 ई.)
जन्म- ए.डी. 1483 अंदिजान (फ़रग़ान)
पिता- शेखर उमर मिर्जा माता- कुतलक निगार
बाबर शब्द का अर्थ बाघ होता है।
1526 में उन्होंने पानीपत की पहली लड़ाई में अंतिम लोदी शासक इब्राहिम लोदी को हराया और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने इस युद्ध को तुलुगम शैली के युद्ध से जीता। इस युद्ध को भारत में संभवत: तोपखाने का पहला प्रयोग माना जाता है।
1527 ई. में खानवा के युद्ध में राणासांगा को पराजित करने के बाद बाबर ने इस युद्ध को जिहाद का एक रूप बताया और जीवन में कभी भी शराब न पीने की प्रतिज्ञा की।
1528 में चंदेरी के युद्ध में बाबर ने मेदनीराय को हराया।
1529 में गोगरा की लड़ाई में मोहम्मद लोदी (अफगान) को हराया।
उनकी उदारता के लिए उन्हें कलंदर की उपाधि मिली।
भारत में उद्यानों का निर्माण ज्यामिति के आधार पर किया गया था।
अपनी आत्मकथा बाबरनामा (तुजुक-ए-बाबरी) अपनी मातृभाषा तुर्की में लिखी (अब्दुल-रहीम खान-ए-खान द्वारा फारसी में अनुवादित)।
मुंबई यान नामक पद्य शैली का प्रवर्तक माना जाता है।
1530 में मृत्यु हो गई। पहले आगरा के आरामबाग में दफनाया गया, फिर काबुल में उनके पसंदीदा स्थान पर फिर से दफनाया गया।
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