राजनीतिक संगठन:-
ऋग्वैदिक लोकप्रिय सभाओं की हार हुई
और शाही शक्ति में वृद्धि हुई। सभा और समिति ने अपना चरित्र बदले जाने पर अपनी बात
रखी।
एक अल्पविकसित कराधान प्रणाली संगरात्री के साथ शुरू हुई।
सामाजिक:-
समाज का चार तरह का विभाजन स्पष्ट हो
गया - शुरू में व्यवसाय के आधार पर, जो बाद में वंशानुगत हो गया: ब्राह्मण (पुजारी),
क्षत्रिय (योद्धा),
वैश्य (कृषक,
पशुपालक, व्यापारी) और शूद्र
(ऊपरी तीन के सेवक)।
इस युग में पहली बार गोत्र संस्था का प्रारंभ हुआ।
अर्थव्यवस्था:-
कृषि मुख्य व्यवसाय बना हुआ है लेकिन
खेती के तरीकों में सुधार हुआ है।
सोने की पट्टी, 'निष्का' (वजन-320 रति) मूल्य की इकाई थी।
धर्म:-
इंद्र और अग्नि ने अपना महत्व खो
दिया। प्रजापति (निर्माता) सर्वोच्च हो गए। विष्णु को लोगों के संरक्षक और रक्षक
के रूप में माना जाने लगा।
The Vedas
1. |
Rig Veda |
दुनिया का सबसे पुराना धार्मिक ग्रंथ। इसमें 1028 सूक्त हैं और इसे 10 मंडलों में विभाजित किया गया है। |
2. |
Sama Veda |
'समन' अर्थात 'राग' धातु से बना है। यह रागों का संग्रह है। |
3. |
Yajur Veda |
बलिदानों के प्रदर्शन के लिए प्रक्रिया से संबंधित है। |
4. |
Atharva Veda |
ज्यादातर जादू से निपटना (लोगों की व्यक्तिगत समस्याओं के साथ)। |
'वेद' शब्द की उत्पत्ति 'विदि' धातु से हुई है, जिसका अर्थ ज्ञान है।
'वेद' कुल मिलाकर चार हैं - ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद।
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