कुछ हार गयी तक़दीर, कुछ टूट गये सपने,
कुछ गेरोने किया बर्बाद, कुछ भूल गए अपने.
मत पूछना कभी दोबारा,
की तुम मेरे क्या लगते हो,
जैसे दिल के लिए धड़कन जरूरी है,
वैसे मेरी साँसों के लिए तुम जरुरी हो.
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते है,
हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते है.
जिंदगी एक बार ही सही लेकिन
ऐसे शख्स से जरूर मिलवाती है
जिसके साथ हम
अपना सब कुछ बाँट लेना चाहते है..
बहुत मुश्किल होता है,
हँस कर दर्द बर्दाश्त करना.
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