रियल लाइफ सेक्स और पोर्न सेक्स में क्या अंतर है?|reyal sex or porn sex me antar kyaa hai

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  बहोत लोग इसके बारे में जानते भी है, लेकिन जान-बूझकर अंजान बनते है। हमारी संस्कृति और संस्कार ही ऐसे है की हम इसके बारे में खुलकर सबके सामने बात नहीं करते।  तो आज हम इसी विषय के बारे में बात करेंगे।  बहुत लोगो के मनमें सवाल रहता है की  रियल सेक्स और पोर्न सेक्स में क्या अंतर है?




रियल लाइफ सेक्स और पोर्न सेक्स में क्या अंतर है?



     हम जो पोर्नो ग्राफीमे वीडियो देखते है, क्यावो वीडियो रीयल होते है? क्या रीयल लाइफ में भी ऐसा होता है? क्या रियल लाइफ में सेक्स जो होता है ? इसकी क्या सच्चाई है?


    कुछ पॉइंट में आपके सामने रखूँगा , आप खुद इसको जस्टिफाई करोगे तो  जावोगे।  रियल लाइफ सेक्स और पोर्न सेक्स में क्या फर्क होता है, अगर आप मेरे शब्दों पर विश्वास करते हो तो मेरे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ना, और अंत तक जरूर  पढ़ना वर्ना आप बहुत कुछ मिस कर जावोगे।  



   पहेली जो चीज होती है पोर्न सेक्स और रियल लाइफ सेक्स में जमीन आसमान का फर्क होता है।  इसके में कई कारण भी बतावुंगा आप खुद समझ जाना।  


  (1) जो पोर्न सेक्स है वो स्क्रिप्टिड होता है।  कहा पे क्या आवाज करनी है, कहाँ पे क्या बोलना है, कोनसी सिचवेशन कब क्रिएट करना है। उनको वह डायरेक्टर डायरेक्ट करता है।  डिरेक्टर वो सारे सिचवेशनको क्रिएट करता है ताकि जो व्यूवर्स है उनमे वायलेंस आ सके, उनमे एग्रेसन आ सके और बार-बार वो विद्या प्ले करके वो चीज को देखे।  


आप जब रियल लाइफ में पार्टनर के साथ फिजिकली इंटिमेंट होते हो तब आप एक फ्लो में चलते हो।  आप के इसी चीज को कोई डायरेक्ट नहीं करता है। आप खुद अपना डायरेक्टर हो।  अपनी लाइफ को आप खुद कंट्रोल करते हो। जब  किसी के साथ फिजिकल इंटिमेंट होते हो मैक्सिमम सिचवेशन में वो हम खुद के प्लेजर(खुशी) के लिए होते है।  तो इस सिचवेशन में हमारे माइंड में ऐसा कुछ भी नहीं रहेता की हमे इस वेव (लहर) पे जाना चाहिए।  हम सिर्फ फ्लो (प्रवाह) पे चलते है। 


 (2) पोर्नोग्राफ़ी में  होता है की, फीमेल को एसक्यूज़  किया जाता है, जैसे थप्पड़ मारना, बाल खींचना ऐसी चीजे दिखाई जाती है, ताकि लड़को में वो एग्रेसन(आक्रमण) आ शके, लड़को में वायोलेन्स (हिंसा) शके और वो उस चीज को फील कर शके। ऐसे सारे लड़के होते है जो पोर्नग्राफ़ी वीडियो देखते देखते मास्टरब्र्यूषण करते है, अगर आपने ऐसी आदत बनाली है तो आप बहुत रिक्टल डिस्फंक्शन (कपोल कल्पित शिथिलता) की प्रॉब्लम हो जायेगी।  क्योंकि ऐसी जो आदत होती हे वह बहुत खराब होती है और आगे जाकर आपको नपुंषक बना शक्ति है। 


ऐसी जो चीजे है जो पोर्नोग्राफ़ी में दिखाई जाती है, वो क्रिएटिव होती है।  जो पोर्न स्टार होते है वो इस सिचवेशन को क्रिएट करते है।  वह इस चीज में एक्सपर्ट होते  हैउनको इस चीज की हेबिट होती है। 


अगर आप रियल लाइफ में अपने पार्टनर को थप्पड़ मारने जावोगे तो क्या होगा? शायद उस दिन से आपकी रिलेशनशीप ही ख़तम हो जाए।  तो आप खुद ही सोच सकते है की रियल लाइफ और पोर्नो ग्राफ़ी सेक्स में कितना फर्क है। 




पोर्नो ग्राफ़ी में जो फीमेल होते है वो पोर्न स्टार होते है। उनकी फिगर, उनका जो हेर स्टाइल होता है, उनकी जो वेजाइना(योनि) होती है उनको वह मेंटेन करते है।  ताकि वो हाइलाइट(उभर ) शके। आप उसी चीज को रियल लाइफ पार्टनर के साथ तुलना करने की कोशिष करोगे  शक्ति है की आपके दिल से वह फाइलिंग ही चली जाए। क्योंकि रियल लाइफ में जो फिगर होती है वह नेचरल  है। वह क्रिएटिव चीज नहीं होती है। आप पोर्नोग्राफी में कोई वीडियो देखते आप  स्टार को देखते हो की हो की उनकी जो फिगर होती है वो ऐसे दिखाया जाता है की भगवानने अपने हाथो से खुद बनाया हो। क्योंकि हर  उनका बॉडी पार्ट है  प्लास्टिक सर्जरी से क्रिएट  है।  स्पेश्यली कोई ट्रीटमेंट उनको ऐसा  है। वो रियल नहीं होता ज्यादातर  सिचवेशन में उदाहरण के लिए  एक पोर्नस्टार को देखलो। 



  अगर आप उनके फिगर के साथ अपने लाइफ पार्टनर  की तुलना करने जावोगे तो आपका जो बसाया घर वह बिखर जाएगा।  क्यों की उनके लिए तो जो दीखता है वही बिकता है। 





(3 ) टाइमिंग 

    पोर्न वीडियोमे दिखाया जाता है की आधा घंटा, एक घंटा तक फिज़िकल इंटिमेंट होता है। वह दिखाया जाता है।  और बहोत ही अग्रेसिव सिचवेशन पे दिखाया जाता है। रियल लाइफ की बात करे तो पांच मिनिट, दस मिनिट  ज्यादा से ज्यादा आधा घंटा इससे ज्यादा मुझे नहीं लगता की रियल लाइफ में जो  पार्टनर है वह इस से ज्यादा टाइमिंग को कंटीन्यू  कर पते है  नेचरल  तरीके से।  दूसरी इसकी बात को जो आक्रामकता होती है पोर्नो ग्राफ़ी वीडियोमे क्या रियल लाइफ में आप उसे ला शकते हो ? आप जब फोरप्ले करते हो आपके पार्टनर साथ, आप उन्हें कभी हर्ट कर शकते हो ? आप ऐसा बिलकुल नहीं चाहोगे।  अगर आप उन्हें हर्ट करने जावोगे तो आपको खुदको वो फील होगा की मुझे वो दर्द हो रहा है।  


  इसका भी बहोत फर्क होता है पोर्नो ग्राफ़ी और रियल लाइफ सेक्स में। पोर्नो ग्राफीमे जो सिचवेशन क्रिएट किया जाता है, वंहा जो वातावरण बनाया जाता है वो बहोत ही बोल्ड होता है। जे से फीमेल पागल हो चुके है। और रियल लाइफ में आपकी जो पार्टनर होती है वह सोवर होती है, स्वीट होती है, क्यूट होती है, नेचरल होती है पर बोल्डनेश जो होता है वह भी एक नेचरल वे पे होता है। में बोल्ड का मतलब यह नहीं कह रहा हूँ की आप की वाइफ, आपकी गर्ल फ्रेंड, आपकी लाइफ पार्टनर घूंघट ओढ़ कर आपके साथ फिज़िकल इंटिमेंट हो रही है। में इसकी बात नहीं कर रहा हूँ। फिर भी दोनों में बहोत फर्क होता है। 


    बहोत से ऐसे लोग है जो पोर्नो ग्राफ़ी इस लिए देखते है की सेक्स कैसे करते है वह शिख शके। में आपको एक चीज क्लियर बतादू की पोर्नो ग्राफ़ी में कभी भी कुछ सीखने के लिऐ नहीं होता है। उसमे सिर्फ वायलेंस (हिंसा) को शिखाया जाता है। फीमेल को कैसे ब्यूस(जैसा भी हो) किया जाए वही शिखाया जाता है। आप उसे रियल लाइफ में फॉलो करने जावोगे तो आपकी लाइफ ही बर्बाद हो जायेगी। 


  ऐसी जो चीजे पोर्नो ग्राफीमे दिखाया जाता है वो अवैध (इलीगल) होता है। जे से आप फीमेल को मारते हो, पीटते हो। अगर यह चीज रियल लाइफ में करने जावोगे तो आपकी दस, बिस साल की शादी हो वह भी टूट जायेगी। 


  अगर आप पोर्नो ग्राफ़ी आदत (एडिक्शन)  देखते हो, अगर आप इस चीज से एडिक्ट हो तो धीरे धीरे कम कर दो। बहोत सारे ऐसे लड़के है जो इतना पोर्नो ग्राफ़ी देखते है की इस चीज से एडिक्ट हो चुके है और शायद देखते देखते मास्टरब्यूशन करते है।  अगर आप ऐसी सिचवेशन अपनी लाइफ में क्रिएट कर चुके हो तो हो तो आपकी लाइफ बहुत जल्द खराब होने वाली है। क्योंकि आप लाइफ में कुछ भी नहीं कर पावोगे। न आपका काम में फोकस रहेगा। अगर पढाई करते हो तो उसमे मन नहीं लगेगा, जॉब करते हो तो उसमे मन नहीं लगेगा।  आप ना तो ढंग से खा पावोगे ना ही ढंग से सो पावोगे। 


  में आशा करता हूँ आप सब यह पढ़कर समज गए होंगे की रियल लाइफ सेक्स और पोर्नो ग्राफ़ी सेक्स में क्या फर्क होता है। कमेंट करके जरूर बताये, अगर आप के मन में कोई सवाल हो तो कमेंट में पूछ शकते है।


      || धन्यवाद।।।।।

 

  

 


 

 

 

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